Last updated on January 26th, 2023 at 02:22 pm
दोस्तो यदि आपको कपास के जुड़ी सही जानकारी लेनी है तो अपको यह लेख पूरा पढ़ना चाही की Kapas Cotton Ki Kheti Kaise Karen अथवा कपास कैसे उगाई जाती है? इस लेख के मध्यम से हम अपको बताएंगे की नए साइंटिफिक या वैज्ञानिक तरीका से कपास की खेती कैसे की जाएं और साथ ही यह भी जानते हैं की भारत में इसी कौन कौन सी कपास की बीघा हैं जिससे फसल ज्यादा होती हैं।
क्या आप भी एक फार्मर है और Kapas Cotton की खेती करना चाहते है? तो आइए हम आपको इस लेख के मध्यम से आज बताएंगे की आखिर आप Kapas Ki Kheti करके अपना खुद का एक Cotton की लाभदायक व्यापार बना सकते हैं।
दोस्तो Kapas को उत्पादन-संबंधी रूप यानि “रुई” को स्वेत स्वर्ण (White Gold) के नाम से भी जाना जाता है और इसको large scale में पूरी दुनिया में उगाया जाता हैं। हमारे भारत देश में ही नही बल्कि Kapas पूरे देश में मशहूर है और सभी देश में Kapas यानी रुई की जरूर पड़ती हैं। इस वजह से, इसे बढ़ने से जितना संभव हो उतना उत्पादन करना चाहिए।
खेती यदि हम किशन लोग Modern Technology से करे तो हमे ज्यादा से ज्यादा लाभ होगा और कपास को यदि किशन लोग वैज्ञानिक तरीको से खेती करे तो कपास की ज्यादा उपज मिल सकती है। आइए जानते है की कपास कैसे उगाई जाती है (Kapas Cotton Ki Kheti Kaise Karen) की हमे अच्छे फसल की प्राप्ति हो सकती है।
Kapas Cotton Ki Kheti Kaise Karen (कपास कैसे उगाई जाती है?)
Cotton Farming in India (कपास की खेती) – दोस्तो अगर आप एक किशन है और खेती करने में सख्शम हैं तो आप कपास यानी रुई को की कपड़े बनाने में उपोग की जाती हैं, इसकी खेती करके आप लाखो पैसे कमा सकते हैं। लेकिन जिसके लिए आपको वैज्ञानिक तरीको का ऊपोग करना पड़ेगा।
अपको कपास को उगने के लिए आप जमीन से लेकर, खाद प्रबंधन और कीड़ा से बचाना बहुत जरूरी है, तो चलिए जानते है की कपास कैसे उगाई जाती है? कपास (Kapas Cotton) को उगने के लिए निचे लिखे गए पॉइंट्स को ध्यान से पढ़ें।
- Selection of Land (भूमि का चयन)
- Climate Condition (जलवायु की स्थिति)
- Manure Management (खाद प्रबंधन)
#१ भूमि का चयन
कपास की एसी कोई डिमांड नही है की कोई विशिष्ट भूमि पर ही की जाए, कपास को किसी भी भूमि पर उगाया जा सकता हैं, फिर भी कपास को उगने के लिए सबसे अच्छा दोमट भूमि को माना जाता है जहा कपास अच्छे से उगता हैं। कपास उगाने के लिए चंदन, कंकड़ भरी मिट्टी और क्षारीय मिट्टी उपयुक्त नहीं होती है।
क्षेत्र तैयार करने के लिए शुरूआत में लगभग 25 सेमी की गहराई तक जुताई करनी चाहिए। स्थिति के अनुसार दूसरी या तीसरी बार जुताई करके भूमि को एक बार फिर से समतल कर लें।
#२ जलवायु की स्थिति
कपास की खेती के लिए उचित सेटिंग के लिए न्यूनतम तापमान 16 डिग्री सेल्सियस की आवश्यकता होती है। जब फसलें विकसित हो रही हों तो लगभग 21 से 27 डिग्री सेल्सियस तापमान की जरूरत होती है और जब फसलें तैयार की जा रही हों तो 27 से 32 डिग्री सेल्सियस तापमान की जरूरत होती है।
#३ खाद प्रबंधन
मृदा परीक्षण कराने के बाद ही कपास की वृद्धि में खाद और उर्वरकों का प्रयोग किया जाता है। यदि मिट्टी में कार्बनिक पदार्थ की कमी हो तो सड़ी हुई गाय के गोबर की खाद को अंतिम जुताई के समय मिट्टी में मिला देना चाहिए।
खेत की आखिरी जुताई के बाद गोबर की खाद में लगभग 30 किलो नत्रजन और 30 किलो फॉस्फोरस भी मिला देना चाहिए। पौधे में फूल आने के बाद लगभग 30 किलो नाइट्रोजन दो बार देना चाहिए।
कपास के बीज जमीन में न डालें क्योंकि मौसम कभी भी बदल सकता है; इसके बजाय, कपास के पौधे की रक्षा के लिए उन्हें मेड़ों पर रखें।
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